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भारत में बढ़ती राजनीति के कारण जनता का शोषण

  भारत में बढ़ती राजनीति के कारण जनता का शोषण राजनीति का मूल उद्देश्य: जनता की सेवा राजनीति का मूल उद्देश्य जनता की सेवा और उनके हितों की रक्षा करना होता है। लेकिन आज के समय में यह उद्देश्य कहीं खो सा गया है। नेताओं का ध्यान अब अपने निजी स्वार्थ और सत्ता पर बने रहने पर ज्यादा केंद्रित हो गया है। इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ता है, क्योंकि उसके हितों की अनदेखी की जाती है। वादे और हकीकत: जनता के साथ छलावा हर चुनाव के दौरान राजनीतिक दल बड़े-बड़े वादे करते हैं, जैसे गरीबी हटाना, बेरोजगारी खत्म करना, बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं और शिक्षा मुहैया कराना। लेकिन चुनाव जीतने के बाद इन वादों को अक्सर पूरा नहीं किया जाता। जनता को विकास और कल्याण योजनाओं का इंतजार करना पड़ता है, जबकि भ्रष्टाचार और लालफीताशाही के चलते इन योजनाओं का लाभ उन्हें नहीं मिल पाता। जाति और धर्म के नाम पर जनता का विभाजन वोट बैंक की राजनीति ने नेताओं को जाति और धर्म के आधार पर समाज को बांटने का हथियार दे दिया है। इसके कारण असल मुद्दे, जैसे रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य, पीछे छूट जाते हैं। जनता को आपसी विवादों में उलझा दिया जात...

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